Bajrang Baan Pdf बजरंग बाण पीडीऍफ़

नमस्कार दोस्तों मैं आप लोगो के लिए हमारे इस वेबसाइट में बजरंग बाण Bajrang Baan Pdf की पीडीऍफ़ लेके आया हु जिस आप डाउनलोड बटन से क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है.

हिन्दू सनातन धर्म में हनुमान जी बहुत ही बलवान और बल बुद्धि के देवता माने जाते है जिसका पूजन प्रत्येक मंगलवार को विधि पूर्वक किये जाते है .

आप हनुमान चालिशा के साथ साथ भी आप इसका पाठन कर हनुमान जी की सेवा कर सकते है जिससे प्रसन्न होकर आपको महाबली हनुमान जी बल बुद्धि प्रदान करेंगे.

आप Shiv Chalisha इसे भी पढ़ सकते है.

Bajrang Baan Pdf बजरंग बाण पीडीऍफ़

Bajrang Baan in Hindi PDF | बजरंग बाण अर्थ सहित पीडीऍफ़

Bajrang Baan Pdf यहाँ हमारे द्वारा बजरंग बाण की श्लोक लिख दिए गए है साथ ही साथ निचे आपको इसकी पीडीऍफ़ भी प्राप्त हो जाएगी जिसे डाउनलोड कर अपने मोबाइल या फिर लैपटॉप में स्टोर कर सकते है.

व्हाट्सएप ग्रुप Join Now
टेलीग्राम ग्रुप Join Now

बजरंग बाण पीडीऍफ़ ऑफर

अभी अमेज़न में ऑफर चल रही है आप बजरंग बाण की पुस्तक कम मूल्य में खरीद सकते है.

दोहा

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई

जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥०१॥
जन के काज विलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥०२॥

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा । सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥०३॥
आगे जाई लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ॥०४॥

जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥०५॥
बाग उजारी सिंधु महं बोरा । अति आतुर यम कातर तोरा ॥०६॥

अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेट लंक को जारा ॥०७॥
लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥०८॥

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥०९॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता । आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥१०॥

जै गिरिधर जै जै सुखसागर । सुर समूह समरथ भटनागर ॥११॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥१२॥

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ॥१३॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो । बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥१४॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥१५॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के । रामदूत धरु मारु धाय के ॥१६॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा । दु:ख पावत जन केहि अपराधा ॥१७॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥१८॥

वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥१९॥
पांय परों कर जोरि मनावौं । यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥२०॥

जय अंजनि कुमार बलवन्ता । शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥२१॥
बदन कराल काल कुल घालक । राम सहाय सदा प्रति पालक ॥२२॥

भूत प्रेत पिशाच निशाचर । अग्नि बेताल काल मारी मर ॥२३॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ॥२४॥

जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥२५॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा । सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥२६॥

चरण शरण कर जोरि मनावौ । यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ॥२७॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई । पांय परौं कर जोरि मनाई ॥२८॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता । ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥२९॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल । ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥३०॥

अपने जन को तुरत उबारो । सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥३१॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै । ताहि कहो फिर कौन उबारै ॥३२॥

पाठ करै बजरंग बाण की । हनुमत रक्षा करैं प्राण की ॥३३॥
यह बजरंग बाण जो जापै । तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे ॥३४॥
धूप देय अरु जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥३५॥

दोहा:

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

Bajrang Baan Pdf Download Link

बजरंग बाण पीडीऍफ़ ऑफर

अभी अमेज़न में ऑफर चल रही है आप बजरंग बाण की पुस्तक कम मूल्य में खरीद सकते है.

Bajrang Baan Pdf
बजरंग बाण पीडीऍफ़
Download
Bajrang Baan Pdf Bhavarth
बजरंग बाण पीडीऍफ़
Download
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment